इन्वेस्टमेन्ट एडवाइजर्स कंपनियों का गढ़ इंदौर दे रहा हजारों युवाओं को रोजगार

सेबी नियमों के तहत् चल रही 160 कंपनियाँ


-मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर बतायेंगे हकीकत


-60 करोड़ का जी.एस.टी. भरती है एडवाइजर्स कंपनियाँ


इंदौर।एसोसिएशन ऑफ इनवेस्टमेन्ट एडवाइजर्स एंड रिसर्च एनलिस्ट (आयरा) ने शहर में फर्जी इन्वेस्टमेन्ट एडवाइजर्स के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग करते हुए समस्त एडवाइजर्स को एक नजरिये से देखे जाने पर सख्त ऐतराज उठाया है। आयरा इस संदर्भ में जल्द ही मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर उचित हस्तक्षेप की मांग करेगा।


'आयरा' के अध्यक्ष अभिषेक पारख और सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि इंदौर इन्वेस्टमेन्ट एडवाइजर्स देश का सबसे बड़ा केन्द्र है, जहां 160 से अधिक रजिस्टर्ड कंपनियां सेबी के नियमों के अन्तर्गत संचालित हो रही है। इन कंपनियों ने प्रत्यक्ष रूप से 20-40 हजार युवाओं को आकर्षक वेतन पर रोजगार दिया है और करीब एक लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पा रहे है। आयरा के सदस्य सामूहिक रूप से 60 करोड़ रूपयों का जीएसटी भर रहे हैं और सीएसआर फण्ड से स्कूल, कॉलेजों में निःशुल्क कार्यक्रमों का आयोजन कर वित्त और निवेश की जानकारी भी देते है।


श्री पारख और श्री शर्मा ने बताया कि कुछेक फर्जी इन्वेस्टमेन्ट एडवाइजर्स की वजह से समूची बिरादरी बदनाम हो रही है। बगैर सेबी रजिस्ट्रेशन के यह कम्पनियां ग्राहकों के साथ आर्थिक धोखाधड़ी करके भाग जाती है। कुछ कंपनियां प्रमोटर फ्रेंचाइजिंग के नाम पर अपने सेबी लाइसेंस छोटी कम्पनियों को पट्टे पर भी दे देते है। असली-नकली कंपनियों में फर्क को लेकर आयरा जल्द ही मुख्यमंत्री कमलनाथ और स्थानीय मंत्रियों से मुलाकार कर वस्तुस्थिति से अवगत कराएगा।


'आयरा' ने मांग की है कि सेबी विनियमन के अनुसार निवेश सलाहकार और उसके ग्राहक के बीच किसी भी विवाद की मध्यस्थता के लिए पहले आर्बिटेटर और आपसी समझौता होना चाहिये। पुलिस कार्यवाही में भी सुनवाई का पर्याप्त मौका मिलना चाहिये।